Friday 27 March 2020

कोरोनावायरस कब समाप्त होगा? एक ज्योतिषीय रिपोर्ट

कोरोनावायरस कब समाप्त होगाएक ज्योतिषीय रिपोर्ट

उपन्यास कोरोनोवायरस ने पूरी दुनिया पर भारी असर डाला है। इस तरह की महामारी की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और इससे किसी को भी नहीं बख्शा जा रहा है। यह वायरस जिसका उद्गम चीन से हुआ था, अब पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, दुनिया भर में मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, और ऐसा लगता है कि इसका कोई अंत नहीं है। हर कोई इस सवाल का जवाब तलाश रहा है कि कोरोनावायरस कब खत्म होगा?
इसके अलावा, इस वायरस को रोकने में मदद करने के लिए कोई टीका नहीं है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित होते हैं । हालांकि, सवाल यह है कि यह वास्तव में कब रुकेगा। हताशा काफी स्पष्ट है क्योंकि लोग लंबे समय तक आत्म-संगति कर रहे हैं । इस अत्यधिक संक्रामक वायरस के उद्भव से सब कुछ बाधित होता है।
हालांकि, विशेषज्ञ ज्योतिषियों के अनुसार , कोरोनावायरस लंबे समय तक नहीं रहेगा। क्या आप कोविद 19 जैसे सवाल कर रहे हैं? कोरोनावायरस कब खत्म होगा क्या कोरोनावायरस का कोई टीका है? आगे पढ़ें और जानें कि यह महामारी हमें कब विदाई देगी।

ज्योतिषीय विश्लेषण

राहु हमारे शरीर की सभी व्याधियों का मूल कारण है। कोरोनोवायरस अपक्षय राहु और इसके स्थान के कारण है। इसके अलावा, अंतर्निहित दुख के लिए नमक जोड़ने के लिए शनि 21 मार्च को मंगल में प्रवेश करता है । यह मानव जाति और इस बीमारी के प्रति उनकी भेद्यता को बहुत प्रभावित करेगा।
  • हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों के अनुसार , जब सूर्य राहु को पार कर जाता है और रेवती तारे पर हमला करता है, तो वायरस पुनरावृत्ति करना शुरू कर देगा। यह एक व्यापक भविष्यवाणी है जो सभी द्वारा अनुमानित है। यह प्रमुख घटना वायरस को ग्रह पर इसके प्रभाव को कम करने में मदद करेगी।
  • सूर्य मानव जाति का मुख्य बल है जो पृथ्वी को जीवन देता है। जैसे ही सूर्य 14 अप्रैल के आसपास मेष राशि में प्रवेश करेगा, तनाव बहुत जल्द ही समाप्त हो जाएगा। लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होने लगेगा। साथ ही, समग्र स्वास्थ्य इस दिन से बेहतर हो जाएगा।
  • चिकित्सकीय रूप से अपार वृद्धि होगी और बात वापस आ सकती है। 15 अप्रैल के बाद माइक्रोब का मुकाबला करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में एक नया आविष्कार होगा। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने पहले से ही महामारी को नियंत्रित करने के लिए टीके लगाने शुरू कर दिए हैं । हालांकि, कोरोनावायरस प्रभाव केवल जून के महीने में पूरी तरह से धो देगा।
  • शनि भारत के चार्ट में चंद्रमा की डिग्री में एक संघर्ष पैदा कर रहा है । इस प्रकार संक्रमित कोरोनावायरस की वसूली धीमा हो जाती है। फिर भी, जैसे-जैसे मंगल डिग्री पार करेगा स्थिति बेहतर होगी। नागरिकों में दहशत की स्थिति फिर से आ जाएगी और चीजें सामान्य हो जाएंगी।

निष्कर्ष

जब तक कोई टीका न हो, सभी लोगों से अनुरोध है कि वे सामाजिक दूरी बनाए रखें । सामाजिक समारोहों एक सख्त संख्या है ताकि लोग इस वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील न हों। संक्रामक वायरस अब एक अभूतपूर्व दर से बढ़ गया है। इसलिए जरूरी होने पर ही घर से बाहर कदम रखें। कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोएं। अपने मुंह और नाक को मास्क से ढकें। जब भी आप बाहर जाएं तो एक सैनिटाइजर कैरी करें।

Coronavirus And Astrology: 15 अप्रैल को मेष राशि में उच्च के होंगे सूर्य, कोरोना से मिलेगी राहत

Coronavirus And Astrology: 15 अप्रैल को मेष राशि में उच्च के होंगे सूर्य, कोरोना से मिलेगी राहत

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कोरोना वायरस की भयावह स्थिति देखते हुए जो लोगों में भय उत्पन्न हुआ है यह विश्व व्यापी है, लेकिन इस पृथ्वी पर कुछ भी बिना ग्रहीय चाल के संभव नहीं है। कहीं ना कहीं ग्रहों का प्रभाव रहता है जो अच्छे या बुरे को प्रभावित करता है। वैसे तो ग्रहों की चाल देखें तो इसमें 22 मार्च 2020 से मंगल अपनी उच्च राशि मकर में प्रवेश किया है और राशि स्वामी शनि के साथ योग बनाए हुए है। यह योग लोगों में भय व्याप्त करवाएगा, साथ ही साथ प्रशासन व लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न भी करवाता है। 
30 मार्च को बृहस्पति खुद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। उसके उपरांत यह भय कम होगा और महामारी पर भी नियंत्रण होना आरम्भ हो जाएगा। शनि के साथ बृहस्पति का योग बनने से भी महामारी पर चिकित्सा द्वारा नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त होगी और गोचर में जब सूर्य 13 अप्रैल, 2020 को रात्रि 8.23 मिनट पर मीन से मेष राशि में अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे तब जाकर पूर्णतः महामारी की स्थिति पर क़ाबू पाया जा सकेगा।

लेकिन इसके वावजूद भी हमारे वेदों में पुराणो में किसी भी स्थिति से मुक्ति पाने के लीय मंत्र चिकित्सा सर्वोपरी बताया गया है ,धर्म और वेदों के अनुसार किसी भी महामारी से मुक्ति पाने के लिए कुछ युक्ति बताई गयी है जैसे अपने घर में सुबह और संध्या समय में नीम की लकड़ी या पत्तों की धुनी जलाए, घर का वातावरण साफ़ और पवित्र रखे, कपूर को खुली कटोरी में रखे, साथ ही साथ व्यक्तिगत जीवन जीने की कोशिश करें जैसे गुरुकुल में सिखाया जाता था कि अपना वस्त्र, अपना बिस्तर और अपनी तमाम चीजें किसी को छूने ना दें जैसे व्रत के समय में होता है। 

श्री मार्कण्डेय पुराण में श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति तथा मंत्र द्वारा बताया गया है जो कि अत्यंत प्रभाकरी है... 

रोग नाश के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

महामारी नाश के लिए
ऊँ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

यह दो मंत्र अत्यंत प्रभावकारी है। 
मां दुर्गा का ध्यान करते हुए दीपक प्रज्वलित कर इन मंत्रो का जाप करना चाहिए।  मानसिक जाप भी करे लेकिन किसी को स्पर्श ना करे मौन रहने की कोशिश करें। मां भगवती सबका कल्याण करने वाली हैं ममतामई हैं अपने भक्तों का पुकार अत्यंत शीघ्र सुनती हैं।  आप सभी के कल्याण हेतु प्रार्थना है। 

आयुर्वेद के ये उपाय

आयुर्वेद के ये उपाय बढ़ाते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता...कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाएंगे

आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बहुत से उपाय हैं। कोरोना वायरस का उन पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है



कोरोना वायरस का संक्रमण देश में शहर दर शहर फैलता जा रहा है। अबतक 200 मामले सामने आये हैं। दुनिया भर में इस वायरस के कारण अब तक हजारों लोगों की मौतें हो चुकी है। कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार तमाम तरह के स्वच्छता अभियान चला रहा है। लोगों से साफ-सफाई रखने, भीड़-भाड़ से बचने, संक्रमित लोगों के संपर्क से बचने जैसी अपील की जा रही है। कोरोना वायरस को लेकर हो रहे शोध में यह बात सामने आई है कि अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। आज हम आपको बताएंगे कि अपनी प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं...आयुर्वेद में कई ऐसी औषधि हैं जो मानव शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है।

आयुर्वेद में ऐसे कई तरह के जूस बताए गए हैं, जिससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है। आपको नियमित तौर पर आंवला, एलोवेरा, गिलोय आदि का जूस पीना चाहिए।

तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र तो माना ही जाता है, आयुर्वेद में भी इसकी बहुत महत्ता है। आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पानी में तुलसी रस की कुछ बूंदें डालकर पी सकते हैं। ऐसा करना लाभकारी होगा।

सर्दी और बदन दर्द जैसी समस्या में तो गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से आराम मिलता ही है। ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आयुर्वेद में कई तरह के काढ़ा का सेवन करने की सलाह दी गई है। जैसे- गुडूच्यादि काढ़ा, अष्टादसांग काढ़ा या सिरिशादी काढ़ा। इनका सेवन करना उत्तम रहेगा और आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी।

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